असम की संगीतमय दुनिया का एक चमकता सितारा हमेशा के लिए खामोश हो गया। प्रख्यात गायक और संगीतकार ज़ुबीन गर्ग (52) का 18 सितंबर 2025 को सिंगापुर में एक दुखद स्कूबा डाइविंग हादसे में निधन हो गया। क्या आपने उनके मशहूर गीत ‘या अली’ या ‘दिल तू ही बता’ को सुना था, जिन्होंने लाखों दिलों को छुआ? समुद्र में डाइविंग के दौरान गंभीर चोट लगने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। यह खबर असम और संगीत प्रेमियों के लिए एक बड़ा झटका है। आइए, ज़ुबीन के जीवन, उनके संगीतमय सफर और इस दुखद घटना की पूरी जानकारी लें, और आप बताएं, उनका कौन सा गीत आपके दिल के सबसे करीब है?
ज़ुबीन गर्ग ( Zubeen Garg) के निधन की पूरी कहानी
ज़ुबीन गर्ग का निधन 18 सितंबर 2025 को सिंगापुर के एक अस्पताल में रात करीब 8:30 बजे हुआ। वे छुट्टियों पर स्कूबा डाइविंग के लिए गए थे, जब यह हादसा हुआ। गंभीर चोटों के कारण वे बेहोश हो गए और अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शोक व्यक्त करते हुए कहा, “ज़ुबीन गर्ग की आवाज़ ने असम की आत्मा को गाया। उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है।” उनका अंतिम संस्कार सिंगापुर में होगा, और परिवार ने निजता की मांग की है। कुछ घंटे पहले ही ज़ुबीन ने सोशल मीडिया पर एक खुशमिजाज़ पोस्ट शेयर की थी। क्या आप जानते थे कि उन्होंने 40 से ज़्यादा भाषाओं में गाने गाए थे?
ज़ुबीन गर्ग: जीवन, परिवार और पर्सनल स्टोरी
ज़ुबीन गर्ग का जन्म 18 नवंबर 1972 को असम के तिनसुकिया में एक संगीतमय परिवार में हुआ था। 52 साल की उम्र में उन्होंने दुनिया को अलविदा कहा। उनकी मां इल्ली बोर्थाकुर एक नृत्यांगना और गायिका थीं, जबकि पिता मोहिनी बोर्थाकुर एक कवि और गीतकार थे। उनकी छोटी बहन जॉन्की बोर्थाकुर, जो एक अभिनेत्री और गायिका थीं, 2002 में एक कार दुर्घटना में चल बसीं। ज़ुबीन ने असमिया, हिंदी, बंगाली, तमिल, तेलुगु, मराठी, मलयालम, कन्नड़, ओडिया, बोदो और नेपाली समेत 40 भाषाओं में गाने गाए। वे न सिर्फ गायक थे, बल्कि संगीतकार, गीतकार, अभिनेता और समाजसेवी भी थे। क्या उनकी बहन की दुखद कहानी आपके लिए नई थी?
ज़ुबीन गर्ग के गाने और फिल्में: एक अमर विरासत
ज़ुबीन ने 1992 में असमिया एल्बम अनामिका से अपने करियर की शुरुआत की। इसके बाद माया, आशा, और क्षापुनोर सुर जैसे एल्बम्स ने उन्हें असम में स्टार बनाया। बॉलीवुड में उनकी एंट्री गैंगस्टर (2006) के गाने ‘या अली’ से हुई, जो सुपरहिट रहा। उनकी कुछ प्रमुख कृतियां:
- गैंगस्टर (2006): ‘या अली’ और ‘लम्हा लम्हा’ जैसे गाने।
- मिशन चाइना (2017): म्यूज़िक डायरेक्टर और एक्टर के रूप में।
- कांचनजंगा (2019): संगीतकार के रूप में।
- असमिया हिट्स: ‘ओ मुराप्पु’, ‘कैला’, और सैकड़ों लोक गीत।
उन्होंने 50 से ज़्यादा फिल्मों में योगदान दिया और 38,000 से अधिक गाने रिकॉर्ड किए। क्या आपका कोई फेवरेट ज़ुबीन गाना है?
इंडस्ट्री और फैंस का शोक
ज़ुबीन के निधन ने असम और भारतीय संगीत जगत को हिलाकर रख दिया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, “उनकी आवाज़ असम की शान थी।” बॉलीवुड और क्षेत्रीय सितारों जैसे श्रेया घोषाल, अरिजीत सिंह और अनुराधा पौडवाल ने शोक व्यक्त किया। श्रेया ने लिखा, “ज़ुबीन की आवाज़ में जादू था।” X पर फैंस ने लिखा, “ज़ुबीन गर्ग का जाना? उनके गाने हमेशा ज़िंदा रहेंगे।” एक भारतीय फैन ने कहा, “‘या अली’ ने मुझे रुला दिया।” क्या आप भी उनके गानों से इमोशनली जुड़े हैं?
33 साल के करियर में ज़ुबीन ने 40 भाषाओं में गीत गाए और असमिया संगीत को ग्लोबल स्टेज पर ले गए। उनकी सादगी, टैलेंट और बहुमुखी प्रतिभा ने उन्हें हर दिल में बसाया। उनकी मृत्यु ने एक युग का अंत किया, लेकिन उनकी धुनें हमेशा गूंजेंगी। क्या उनका कोई गाना या परफॉर्मेंस आपको याद आ रहा है?