नासिर शेख और दोस्तों की ज़मीनी कहानी, आदर्श गौरव और शशांक अरोड़ा की परफॉर्मेंस ने जीता दिल
रीमा कागती की डायरेक्शन में बनी हिंदी फिल्म Superboys of Malegaon सुपर बॉयज़ ऑफ मालेगांव, जो 2008 की डॉक्यूमेंट्री Supermen of Malegaon से प्रेरित है, 28 फरवरी 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हुई थी और अब ओटीटी पर धूम मचा रही है। वरुण ग्रोवर की स्क्रिप्ट वाली इस फिल्म में आदर्श गौरव, विनीत कुमार सिंह, और शशांक अरोड़ा ने मालेगांव के कम बजट वाले फिल्ममेकर्स की कहानी को जीवंत किया है। फिल्म का वर्ल्ड प्रीमियर 2024 के टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में हुआ था, जहां इसे स्टैंडिंग ओवेशन मिला। ये फिल्म सिनेमा के जुनून, दोस्ती, और सामाजिक चुनौतियों के बीच उम्मीद की कहानी है, जो दर्शकों को हंसाती और रुलाती है।

कहानी और परफॉर्मेंस
Superboys of Malegaon नासिर शेख (आदर्श गौरव) और उनके दोस्तों की कहानी है, जो महाराष्ट्र के छोटे से शहर मालेगांव में कम बजट की फिल्में बनाते हैं। नासिर और उसका क्रू, जिसमें शफीक (शशांक अरोड़ा) और फारुख (विनीत कुमार सिंह) शामिल हैं, सुपरमैन की स्पूफ फिल्म बनाकर अपने सिनेमाई सपनों को जीते हैं। फिल्म स्क्रिप्टिंग, कॉस्ट्यूम डिज़ाइन, और देसी ग्रीन स्क्रीन इफेक्ट्स जैसे पंखे से उड़ते सुपरमैन जैसे सीन को मज़ेदार और दिल छू लेने वाले अंदाज़ में दिखाती है। सामाजिक-आर्थिक मुश्किलों और सांप्रदायिक तनावों के बीच, ये दोस्त हिंदू-मुस्लिम एकता का संदेश देते हैं।
आदर्श गौरव ने नासिर के जुनून और सादगी को शानदार ढंग से पेश किया है। शशांक अरोड़ा का शफीक इमोशनल डेप्थ के साथ चमकता है, खासकर उन सीन्स में जहां वो अपने सपनों और परिवार के बीच जूझता है। विनीत कुमार सिंह ने फारुख के किरदार में हल्का-फुल्का ह्यूमर और दोस्ती का रंग भरा। सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा, “आदर्श और शशांक ने #SuperboysOfMalegaon को आत्मा दी। हर सीन में उनकी दोस्ती चमकती है।” सपोर्टिंग कास्ट, जिसमें मंजिरी पुपाला और आनंदनाथ शामिल हैं, ने भी कहानी को मज़बूत किया।

टेक्निकल हाइलाइट्स और थीम्स
रीमा कागती की डायरेक्शन और जय ओझा की सिनेमैटोग्राफी मालेगांव की तंग गलियों और ज़मीनी सौंदर्य को खूबसूरती से कैप्चर करती है। अनुज राकेश धवन का बैकग्राउंड स्कोर और गाने, खासकर “सपनों का सुपरमैन,” फिल्म के हल्के-फुल्के और इमोशनल मूड को बढ़ाते हैं। 120 मिनट की रनटाइम टाइट और इंगेजिंग है, लेकिन कुछ क्रिटिक्स ने दूसरे हाफ में थोड़ा और ड्रामा चाहा।
फिल्म कई गहरे थीम्स को छूती है। ये रचनात्मकता को पलायन के रूप में दिखाती है, जहां मालेगांव के लोग आर्थिक तंगी से बचने के लिए फिल्ममेकिंग में सांत्वना पाते हैं। हिंदू-मुस्लिम क्रू की एकता सांप्रदायिक तनावों के बीच एकता का संदेश देती है। सिनेमा को आशा के प्रतीक के रूप में पेश किया गया है, जो बाधाओं को पार करने की ताकत देता है। सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा, “#SuperboysOfMalegaon सिर्फ हंसी नहीं, बल्कि सिनेमा की ताकत और दोस्ती का जश्न है।”

ऑडियंस और क्रिटिक्स रिएक्शन
Superboys of Malegaon को क्रिटिक्स से खूब तारीफ मिली। टोरंटो फिल्म फेस्टिवल में इसे “फिल्ममेकिंग का दिल छू लेने वाला सेलिब्रेशन” कहा गया। सोशल मीडिया पर @filmybuff ने लिखा, “#SuperboysOfMalegaon हर उस इंसान के लिए है जो सपने देखता है। आदर्श और शशांक का कमाल। (4/5)” कुछ यूज़र्स ने कहा कि फिल्म का ह्यूमर और इमोशन्स बैलेंस परफेक्ट है, लेकिन कुछ ने पहले हाफ को थोड़ा धीमा पाया। एक यूज़र ने लिखा, “कहानी ज़मीनी और मज़ेदार है, लेकिन कुछ और ट्विस्ट जोड़े जा सकते थे। (3.5/5)”
बॉक्स ऑफिस और ओटीटी रिलीज़
Superboys of Malegaon ने बॉक्स ऑफिस पर पहले हफ्ते में 25 करोड़ रुपये कमाए, जो इसकी सीमित रिलीज़ और इंडी स्टाइल के लिए सम्मानजनक है। महाराष्ट्र और दिल्ली में फिल्म को खास पसंद किया गया। ओटीटी पर ये फिल्म जल्द ही स्ट्रीम होने वाली है, और 4K क्वालिटी में उपलब्ध होगी। सोशल मीडिया पर एक यूज़र ने लिखा, “#SuperboysOfMalegaon ओटीटी पर मालेगांव के सपनों को घर-घर पहुंचाएगी।”