पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री के चमकते सितारे राजवीर जावंडा की हादसे में मौत ने उनके परिवार और फैंस को गहरा सदमा दिया है। 27 सितंबर 2025 को हिमाचल प्रदेश के बद्दी में हुए बाइक एक्सीडेंट के बाद 11 दिन तक जिंदगी और मौत से जूझने के बाद, 8 अक्टूबर 2025 को मोहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल में उनका निधन हो गया। 35 साल के राजवीर वेंटिलेटर पर थे, और उनकी पत्नी ने उस सुबह उन्हें बाइक राइड पर जाने से रोकने की भावुक गुहार की थी। एक करीबी दोस्त ने डेली पोस्ट पंजाब को बताया, “पत्नी ने सुबह कहा था, ‘प्लीज आज बाइक मत लो, रास्ता सेफ नहीं है।’ लेकिन राजवीर ने आश्वासन दिया कि वे सावधानी बरतेंगे और जल्द लौट आएंगे।” उनका आखिरी इंस्टाग्राम पोस्ट, जिसमें वे बाइक राइड का मजा लेते दिखे, अब वायरल होकर फैंस की आंखें नम कर रहा है। ‘काली जावांडे दी’, ‘सरदारी’, और ‘डाउन टू अर्थ’ जैसे गानों से राजवीर ने पंजाबी म्यूजिक को नई ऊंचाइयां दी थीं। इस त्रासदी ने इंडस्ट्री को शोक में डुबो दिया है। क्या यह हादसा सड़क सुरक्षा पर नई जागरूकता लाएगा?
हादसे का दर्द और पत्नी की चेतावनी: BMW बाइक क्रैश की कहानी
27 सितंबर की सुबह राजवीर की पत्नी ने रास्ते की खराब स्थिति को देखते हुए उन्हें बाइक राइड से मना किया था। दोस्त ने बताया, “उन्होंने राइड कैंसिल करने की सलाह दी थी, लेकिन राजवीर ने कहा कि वे सावधानी से ड्राइव करेंगे।” बद्दी के पास उनकी BMW R1250 GS एडवेंचर बाइक (कीमत ₹22 लाख) एक स्ट्रे केटल से टकरा गई, जिससे स्पाइनल कॉर्ड में गंभीर चोट और ब्रेन डैमेज हुआ। उन्हें पहले सोलन के सिविल हॉस्पिटल ले जाया गया, फिर मोहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल शिफ्ट किया गया। डॉक्टर्स ने बताया कि ब्रेन एक्टिविटी लगभग खत्म हो चुकी थी। 11 दिन तक लाइफ सपोर्ट पर रहने के बाद सुबह 10:55 बजे उनका निधन हो गया। उनकी पत्नी और दो बच्चों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। राजवीर, जो पहले पंजाब पुलिस में कॉन्स्टेबल थे, ने म्यूजिक में अपने टैलेंट से नई पहचान बनाई थी।
लुधियाना के जगरांव के पोना गांव में जन्मे राजवीर ने 2018 में ‘काली जावांडे दी’ से फेम पाया। ‘तु डिस पेंडा’, ‘खुश रेहा कर’, ‘लैंडलॉर्ड’, और ‘कंगनी’ जैसे गानों ने उन्हें स्टार बनाया। उन्होंने सुबेदार जोगिंदर सिंह (2018), जिंद जान (2019), और मिंडो तसीलदारनी (2019) में एक्टिंग भी की। #RIPRajvirJawanda सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। अम्मी विर्क ने कहा, “राजवीर की आखिरी रस्में पोना गांव में।” दिलजीत दोसांझ ने लिखा, “उनके कैरेक्टर को सलाम।” नीरी बाजवा ने इंस्टाग्राम पर शोक जताया। CM भगवंत मान ने ट्वीट किया, “पंजाब ने एक रत्न खोया।” क्या यह त्रासदी सड़क सुरक्षा को लेकर नई चेतना जगाएगी? कमेंट में अपनी राय शेयर करें!