हॉलीवुड की चमकती सितारा और एकेडमी अवॉर्ड विजेता अभिनेत्री डायने कीटन का निधन हो गया है, जो 79 वर्ष की आयु में कैलिफोर्निया में हुआ, और यह खबर न केवल सिनेमा जगत बल्कि उनके अनगिनत प्रशंसकों के बीच गहन शोक की लहर पैदा कर रही है, क्योंकि उनकी अनोखी अभिनय शैली और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण ने लाखों दिलों को छुआ था। डायने, जो ‘एनी हॉल’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ऑस्कर जीत चुकी थीं, का निधन 11 अक्टूबर 2025 को हुआ, जैसा कि उनके परिवार के प्रवक्ता ने पुष्टि की है, और उनकी मृत्यु की आधिकारिक कारण अभी स्पष्ट नहीं है, हालांकि रिपोर्ट्स में कहा गया है कि हाल के महीनों में उनकी सेहत अचानक बिगड़ी थी। उनकी अंतिम इंस्टाग्राम पोस्ट नेशनल पेट डे पर थी, जिसमें वे अपने प्यारे गोल्डन रिट्रीवर रेजी के साथ घर पर नजर आ रही थीं, जो उनकी सरल और प्यार भरी जिंदगी का प्रतीक थी। डायने ने कभी शादी नहीं की लेकिन दो बच्चों—डेक्टर (29 वर्षीय बेटी) और ड्यूक (25 वर्षीय बेटे)—को गोद लेकर मातृत्व का अनुभव लिया, और उनके परिवार ने निजता का अनुरोध किया है। उनकी मृत्यु की खबर ने वुडी एलन, बेटे मिडलर और जेन फोंडा जैसे सह-कलाकारों को गहरा सदमा दिया है, जो उनकी स्मृति को श्रद्धांजलि दे रहे हैं। यह क्षण सिनेमा इतिहास में एक युग का अंत दर्शाता है, जहां डायने की बहुमुखी प्रतिभा ने कॉमेडी से लेकर ड्रामा तक हर विधा को समृद्ध किया।
डायने कीटन का करियर: ऑस्कर से हॉलीवुड की आइकॉन तक की यात्रा
डायने कीटन का जन्म 5 जनवरी 1946 को लॉस एंजिल्स में हुआ था, और उन्होंने अपनी अभिनय यात्रा 1960 के दशक में न्यूयॉर्क में शुरू की, जहां वे सांता आना कॉलेज और ऑरेंज कोस्ट कॉलेज में पढ़ाई के बाद एक्टर्स इक्विटी एसोसिएशन जॉइन करके ‘कीटन’ सरनेम अपनाया, जो उनकी मां का कुंवारी नाम था, और यह निर्णय उनकी पहचान को स्थायी रूप से बदल गया। उनकी पहली बड़ी सफलता 1972 की ‘द गॉडफादर’ में कै कोरलियोने की भूमिका में आई, जहां उन्होंने अल पचिनो के साथ केमिस्ट्री दिखाई जो फिल्म को क्लासिक बना दिया, और इसके बाद वुडी एलन के साथ ‘प्ले इट अगेन, सैम’ (1972), ‘स्लीपर’ (1973), ‘लव एंड डेथ’ (1975) और ‘एनी हॉल’ (1977) जैसी फिल्मों में सहयोग ने उन्हें रोमांटिक कॉमेडी की रानी बना दिया, जहां ‘एनी हॉल’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का ऑस्कर मिला जो उनकी स्व-विरोधी हास्य शैली का प्रतीक था। 1980-90 के दशक में उन्होंने ‘रेड्स’ (1981) के लिए दूसरा ऑस्कर नामांकन हासिल किया, ‘बेबी बूम’ (1987) में मां की भूमिका निभाई जो उनकी व्यक्तिगत जिंदगी से प्रेरित थी, और ‘द फर्स्ट वाइव्स क्लब’ (1996) तथा ‘फादर ऑफ द ब्राइड’ (1991) जैसी कॉमेडीज में अपनी चुलबुली छवि को मजबूत किया, जबकि ‘मार्विन्स रूम’ (1996) में मर्ल स्ट्रेप के साथ ड्रामा ने तीसरा ऑस्कर नामांकन दिलाया। बाद के वर्षों में ‘बुक क्लब’ फ्रेंचाइजी (2018-2023) ने उनकी विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाया, और उन्होंने निर्देशन तथा लेखन जैसे क्षेत्रों में भी योगदान दिया, जैसे ‘हेवन’ (1998) डॉक्यूमेंट्री। उनकी फिल्मोग्राफी में 100 से अधिक भूमिकाएं हैं, जो उनकी बहुमुखी प्रतिभा का प्रमाण हैं, और उन्होंने हमेशा अपनी असुरक्षाओं को स्वीकार करते हुए प्रेरणा स्रोत बनी रहीं।
सह-कलाकारों की श्रद्धांजलि और डायने कीटन की विरासत
डायने कीटन के निधन पर हॉलीवुड के दिग्गजों ने भावुक श्रद्धांजलियां दी हैं, जहां बेटे मिडलर ने इंस्टाग्राम पर उन्हें ‘ब्रिलियंट, ब्यूटीफुल एंड एक्स्ट्राऑर्डिनरी’ कहा, जो ‘द फर्स्ट वाइव्स क्लब’ की उनकी जोड़ी को याद करते हुए ‘व्हाट यू सॉ वाज हू शी वाज’ लिखा, जो उनकी सादगी को उजागर करता है। जेन फोंडा ने ‘बुक क्लब’ की सह-कलाकार के रूप में उन्हें ‘लाइफ एंड लाइट का स्पार्क’ बताया, जो हमेशा अपनी कमियों पर हंसती रहती थीं, जबकि लियोनार्डो डिकैप्रियो ने ‘मार्विन्स रूम’ के अनुभव को साझा करते हुए उनकी प्रेरणादायक मौजूदगी की सराहना की। वुडी एलन, जो उनकी पूर्व प्रेमिका और म्यूज भी थे, ‘एक्स्ट्रीमली डिस्ट्रॉट’ बताए गए, और गोल्डी हॉन ने कहा ‘वी आरन्ट रेडी टू लूज यू’, जो फैंस की भावनाओं को प्रतिबिंबित करता है। डायने की विरासत उनकी फिल्मों के माध्यम से जीवित रहेगी, जो न केवल मनोरंजन प्रदान करती हैं बल्कि महिलाओं की स्वतंत्रता, मातृत्व और आत्म-स्वीकृति जैसे मुद्दों को छूती हैं, और उनकी गोद ली गई संतानों के साथ बिताई जिंदगी ने उन्हें एक प्रेरणादायक मां के रूप में स्थापित किया। उनकी सेहत की चुनौतियां, जैसे स्किन कैंसर और बुलिमिया, को उन्होंने खुले दिल से साझा किया था, जो दूसरों के लिए प्रेरणा बनीं। डायने कीटन सिनेमा की एक अमिट छाप हैं, जिनकी स्मृति हमेशा हंसी और गर्मजोशी से भरी रहेगी।