बागी 4 (Baaghi 4), टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) की मशहूर बागी सीरीज़ की चौथी फिल्म, 5 सितंबर 2025 को सिनेमाघरों में रिलीज़ हो चुकी है। ए. हर्षा (A. Harsha) के निर्देशन और साजिद नाडियाडवाला (Sajid Nadiadwala) के प्रोडक्शन में बनी इस फिल्म में टाइगर ने फिर से रॉनी (Ronnie) का किरदार निभाया है। उनके साथ संजय दत्त (Sanjay Dutt), सोनम बाजवा (Sonam Bajwa), और पहली बार बॉलीवुड में कदम रखने वाली हरनाज़ संधू (Harnaaz Sandhu) नज़र आए हैं। 300 करोड़ के भारी-भरकम बजट और ‘A’ सर्टिफिकेट के साथ आई इस फिल्म से फैंस को ज़बरदस्त एक्शन, ड्रामा और थ्रिलर की उम्मीद थी। लेकिन क्या ये फिल्म वैसा जादू दिखा पाई, या फिर ये एक थकाऊ निराशा बनकर रह गई? आइए, इसकी कहानी, अभिनय, और सोशल मीडिया की चर्चा को एक ताज़ा और मौलिक नज़रिए से देखें, खास हमारे हिंदी न्यूज़ पोर्टल के पाठकों के लिए।
बागी 4 का नया रोमांच: कहानी क्या है?
बागी 4 (Baaghi 4) की कहानी रॉनी (Ronnie, टाइगर श्रॉफ), एक नेवी ऑफिसर, के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक भयानक ट्रेन हादसे से बच निकलता है। हादसे के बाद वह दुख और अपराधबोध में डूब जाता है, क्योंकि उसे लगता है कि उसकी प्रेमिका अलीशा (Alisha, हरनाज़ संधू) की मौत हो गई है। लेकिन उसका भाई जीतू (Jeetu, श्रेयस तलपड़े) और आसपास के लोग कहते हैं कि अलीशा सिर्फ उसकी कल्पना है। जैसे-जैसे रॉनी सच और भ्रम के बीच उलझता है, एक खतरनाक विलेन चाको (Chako, संजय दत्त) और उसका अंडरग्राउंड नेटवर्क सामने आता है। यह कहानी रॉनी को एक हिंसक बदले की जंग और इमोशनल उलझनों में ले जाती है।
पहली नज़र में कहानी रोमांचक लगती है, लेकिन स्क्रिप्ट जल्दी ही कमज़ोर पड़ जाती है। पहला हाफ एक्शन और ड्रामा के साथ ठीक चलता है, लेकिन दूसरा हाफ में बेतरतीब मेलोड्रामा, अनावश्यक गाने, और लॉजिक से परे एक्शन सीन कहानी को बिखेर देते हैं। कुछ दर्शकों ने इसे “ज़्यादा मसाला, कम तर्क” वाली फिल्म बताया।
सितारों का जादू: कौन चमका, कौन रहा पीछे?
- टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff): टाइगर अपने सिग्नेचर एक्शन में शानदार हैं। उनके स्टंट्स और फाइट सीन, खासकर इंटरवल का एक्शन ब्लॉक, दर्शकों को सीटियां बजाने पर मजबूर करते हैं। लेकिन इमोशनल सीन में उनकी कमी खलती है। फिर भी, उनकी मेहनत हर फ्रेम में दिखती है।
- संजय दत्त (Sanjay Dutt): चाको (Chako) के रोल में संजय दत्त की स्क्रीन प्रेज़ेंस दमदार है, लेकिन उनका किरदार कमज़ोर लिखा गया है। छोटा रोल होने के बावजूद वह प्रभाव छोड़ते हैं।
- हरनाज़ संधू (Harnaaz Sandhu): मिस यूनिवर्स हरनाज़ ने अलीशा (Alisha) के रोल से बॉलीवुड में कदम रखा। रोमांटिक सीन में वह ठीक हैं, लेकिन इमोशनल सीन में अनुभव की कमी साफ दिखती है।
- सोनम बाजवा (Sonam Bajwa): प्रतिष्ठा (Pratishtha) के रोल में सोनम का किरदार बेकार सा लगता है। उनकी भूमिका छोटी और बिना गहराई के है।
- श्रेयस तलपड़े (Shreyas Talpade) और अन्य: जीतू (Jeetu) के रोल में श्रेयस ठीक हैं, लेकिन उनका किरदार अधूरा लगता है। उपेंद्र लिमये (Upendra Limaye) और सौरभ सचदेवा (Saurabh Sachdeva) जैसे एक्टर्स को बर्बाद किया गया है।
तकनीकी पक्ष: कहां है चमक, कहां है कमी?
- निर्देशन: ए. हर्षा (A. Harsha) का हिंदी डेब्यू निराश करता है। उन्होंने एक्शन को भव्यता दी, लेकिन कहानी को संभाल नहीं पाए। दूसरा हाफ बिखरा हुआ लगता है।
- एक्शन और सिनेमैटोग्राफी: एक्शन सीन, खासकर टाइगर और संजय की टक्कर, फिल्म का हाईलाइट हैं। लेकिन कुछ सीन ज़रूरत से ज़्यादा ओवर-द-टॉप हैं, जैसे उड़ती गाड़ियां और असंभव स्टंट्स। स्वामी गौड़ा (Swamy Gowda) की सिनेमैटोग्राफी ठीक है, लेकिन कुछ फ्रेम्स दोहराए हुए लगते हैं।
- संगीत: अगाज़ (Agaz), बादशाह (Badshah), तनिष्क बागची (Tanishk Bagchi), और पायल देव (Payal Dev) के गाने निराश करते हैं। “मरजाना” और “गेट रेडी टू फाइट – खौफ है” ठीक हैं, लेकिन “अकेली लैला” और “ये मेरा हुस्न” जैसे गाने कहानी को रोकते हैं और पुराने लगते हैं।
- रनटाइम: 2 घंटे 37 मिनट की फिल्म लंबी और थकाने वाली है। CBFC के 23 कट्स के बाद भी इसे और छोटा करना चाहिए था।
सोशल मीडिया पर हंगामा: फैंस ने क्या कहा?
सोशल मीडिया पर बागी 4 (Baaghi 4) को मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। कुछ फैंस ने टाइगर के एक्शन और संजय दत्त की मौजूदगी की तारीफ की। एक फैन ने लिखा, “#Baaghi4 में टाइगर का एक्शन गजब है, इंटरवल ट्विस्ट ने तो धमाल मचा दिया!” एक अन्य ने कहा, “टाइगर ने फिर से कमाल कर दिया, लेकिन कहानी में कुछ नया नहीं।” लेकिन कई दर्शकों ने निराशा जताई। एक ट्वीट में लिखा, “पहला हाफ मज़ेदार था, लेकिन दूसरा हाफ बोरिंग। गाने और ड्रामा ने मज़ा किरकिरा कर दिया।” #Baaghi4Review ने 50,000 से ज़्यादा ट्वीट्स बटोरे, जिसमें कुछ ने इसे “ज़्यादा शोर, कम असर” वाली फिल्म कहा।
बॉक्स ऑफिस और बाज़ार प्रभाव: कितना कमाएगी?
बागी 4 (Baaghi 4) ने पहले दिन लगभग 12 करोड़ रुपये की कमाई की, जो बागी 2 (25.10 करोड़) और बागी 3 (17.5 करोड़) से कम है। मधरासी (Madharaasi) और द कॉन्जुरिंग: लास्ट राइट्स (The Conjuring: Last Rites) जैसी फिल्मों से टक्कर ने इसकी कमाई को प्रभावित किया। ट्रेड विशेषज्ञों का अनुमान है कि फिल्म वीकेंड में 30-35 करोड़ तक पहुंच सकती है, लेकिन कमज़ोर वर्ड ऑफ माउथ से लंबा रन मुश्किल है। 300 करोड़ के बजट को रिकवर करना चुनौतीपूर्ण होगा। OTT रिलीज़ के लिए Amazon Prime Video ने राइट्स लिए हैं, जो थिएट्रिकल रन के बाद स्ट्रीम होगी।
क्या है शानदार?
- टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) के हाई-वोल्टेज एक्शन सीन, खासकर इंटरवल का धमाकेदार ब्लॉक।
- संजय दत्त (Sanjay Dutt) की दमदार स्क्रीन प्रेज़ेंस, भले ही रोल छोटा हो।
- कुछ भव्य और रंगीन फाइट सीन, जो फैंस को थिएटर में तालियां बजाने पर मजबूर करेंगे।
- बागी फ्रैंचाइज़ी की अपील, जो टाइगर के फैंस को खींचती है।
कहां रह गई कमी?
- कमज़ोर स्क्रिप्ट और बिखरी हुई कहानी, जो दूसरा हाफ बर्बाद करती है।
- अनावश्यक गाने और मेलोड्रामा, जो फिल्म को खींचते हैं।
- सोनम बाजवा (Sonam Bajwa) और श्रेयस तलपड़े (Shreyas Talpade) जैसे किरदारों का बेकार होना।
- ओवर-द-टॉप एक्शन, जो लॉजिक को पूरी तरह नज़रअंदाज़ करता है।
अंतिम फैसला: देखें या छोड़ें?
बागी 4 (Baaghi 4) टाइगर श्रॉफ (Tiger Shroff) के फैंस और मसाला एक्शन मूवी पसंद करने वालों के लिए कुछ पल का मज़ा दे सकती है, लेकिन कमज़ोर कहानी और लंबा रनटाइम इसे थकाऊ बनाते हैं। अगर आप टाइगर के स्टंट्स और संजय दत्त की झलक के लिए थिएटर जाना चाहते हैं, तो इसे एक बार देख सकते हैं। लेकिन अगर आप गहरी कहानी या तर्कसंगत स्क्रिप्ट की उम्मीद कर रहे हैं, तो ये निराश करेगी। मधरासी (Madharaasi) या द कॉन्जुरिंग: लास्ट राइट्स (The Conjuring: Last Rites) जैसे विकल्प बेहतर हो सकते हैं। रेटिंग: 2.5/5।